मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना 2020-23 | Madhya Pradesh Fasal Vividheekaran Protsaahan Yojana 2022-23 Madhya Pradesh Fasal Vividheekaran Protsaahan Yojanaa in Hindi, रजिस्ट्रेशन, ऑनलाइन आवेदन, लाभ, अधिकारिक पोर्टल, टोल फ्री नंबर , (Online Registration, How to Apply, Benefit, Official Website, Portal, Toll free Number)
नमस्कार दोस्तों, भारत एक कृषि प्रधान देश है इसके साथ भारत के प्रत्येक राज्य में कृषि से संबंधित कुछ न कुछ योजना आती रहती है, इन योजनाओं के साथ मिलकर हमारे किसान भाई काफी हद तक इन योजनाओं का लाभ लेते रहते हैं, लेकिन कुछ किसान भाइयों को इन योजनाओं का लाभ नही मिल रहा है।
इसलिए मैंने सोचा क्यों न मै इन किसान भाइयों की कुछ मदद कर सकूं, आप को इस वेबसाइड पर भारत में चल रही तमाम योजनाओं की जानकारी मिलती रहेगी, ताकि किसान भाइयों के साथ-साथ बेरोजगारी भाइयों व महिलाओं को भारत के प्रत्येक राज्यों में चल रही योजनाओं की जानकारी आपको मिल सके, अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लग रही है तो कृपया आगे पढ़े-
भारत के कृषि प्रधान देश होने के साथ यहां हजारों सालों से खेती की जा रही है, देश की आजादी के बाद भारत में मुख्यतः खाद्य व नकदी फसलों पर जोर दिया जा रहा है।
सन 1960 के समय खाधानों की कमी को देखते हुए हमें बाहर के देशों से खाधानों का आयात करना पड़ा। इसी कारण भारत सरकार द्वारा हरित क्रांति को अपनाया गया था।
हरित क्रांति की सफलता को देखते हुए आधुनिक मशीनों, खादो व आधुनिक बीजों का बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन हरित क्रांति से खादो का अधिक प्रयोग करने से भूमि की उर्वरा शक्ति को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा था।
1990 के दशक के बाद गेहूं, धान और गन्ने की बड़े पैमाने पर खेती की जाने लगी इन फसलों को करने में लगने वाले खाद और अधिक पानी की मात्रा से जल संकट और भूमि के स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पडा। किसान भाइयों के द्वारा अधिक फसल को होने के कारण फसल विविधीकरण को एकदम ही बुला दिया गया है।
भूमि के स्वास्थ्य को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना 2020-23 को लागू करने का फैसला लिया गया, इस योजना से फसल और भूमि के स्वास्थ्य पर काफी असर देखने को मिल सकता है,
भूमि के स्वास्थ्य और फसल के बारे में मध्य प्रदेश सरकार काफी योजनाओं को लाती रही है, उन तमाम योजनाओं में काफी हद तक भूमि के स्वास्थ्य में सुधार पाया गया।
इस पोस्ट में आपको फसल प्रोत्साहन योजना क्या है? इस योजना में कैसे कार्य किया जाएगा? इस योजना के लाभ और उद्देश्य क्या-क्या होंगे? कृपया इस ब्लॉग पोस्ट को अंत तक पढ़ें-
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मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना-
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बैठक में फसल व भूमि सुधार के लिए मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना लागू करने का फैसला लिया गया, इस योजना में भूमि सुधार में बड़े बदलाव के रूप में देखा जा सकता है, अब सरकार प्रोत्साहन योजना पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गेहूं-धान के उत्पादन में वृद्धि एमएसपी (MSP) में लगातार लागत खर्च पर वृद्धि हो रही है, फसलो का विविधीकरण न होने से पर्यावरण को काफी हद तक नुकसान झेलना पड़ रहा है, पर्यावरण व फसल के साथ-साथ भूमि सुधार के लिए इस योजना का शुभारंभ किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश प्रोत्साहन योजना के माध्यम से गैर एमएसपी (MSP)की फसलो को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे केमिकल फर्टिलाइजर पर निर्भरता घटने के चांस काफी हद तक दिखाई दे रहे हैं। अगर हमारा पोस्ट आपको अच्छा लग रहा है तो कृपया आगे पढ़ें-
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Highlights–
01 | योजना का नाम- मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना 2023 (Madhya Pradesh Crop Diversification Incentive Project 2023) |
02 | उद्देश्य- फसल चक्र को अपनाना एवं गैर एमएसपी फसलों को बढ़ावा देना, बहुमूल्य जल, प्रकृति व मिट्टी का संरक्षण |
03 | लाभ- भूमि उर्वरा शक्ति बढ़ेगी एवं किसानों की आय में वृद्धि होगी |
04 | कब घोषित हुई- 2022 |
05 | किसके द्वारा- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्रीमान शिवराज सिंह चौहान |
06 | विभाग- कृषि एवं कल्याण विभाग |
07 | लाभार्थी- मध्य प्रदेश के सभी किसान |
08 | आवेदन प्रक्रिया- आँनलाइन या आँनलाइन |
09 | आधिकारिक वेबसाइट- उपलब्ध नहीं |
10 | हेल्पलाइन नंबर- नहीं है |
11 | लेख– धर्मेश कुमार |
12 | लेख की भाषा- हिन्दी |
फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के कार्य- (Madhya Pradesh Fasal Vividheekaran Protsaahan Yojana)
मध्य प्रदेश के किसान गेहूं-धान की खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, इस कारण कृषि भूमि को काफी हद तक नुकसान झेलना पड़ रहा है, धान-गेहूं की खेती के लिए रासायनिको का अत्यधिक प्रयोग होने लगा, इस कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट होती जा रही है, प्रोत्साहन योजना के माध्यम से किसान भाइयों को इस योजना की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। एवं उन्हें धान-गेहूं के अलावा अन्य फसलो को उगाने के लिए इस योजना का शुभारंभ किया गया है।
प्रोत्साहन योजना के माध्यम से किसान भाइयों को अन्य फसलो को उगाने के नए-नए तरीकों से अवगत कराया जाएगा, धान-गेहूं के स्थान पर मक्का, मूंग, सरसो, अरहर, बाजरा, इत्यादि फसल अपना सकते हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से आपको भारत के प्रत्येक राज्यों में चल रही योजनाओं की जानकारी आपको मिल सके, अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लग रही है तो कृपया आगे पढ़े-
मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना से सरकारी मदद-
इस योजना को सफल बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन किया, इस बोर्ड में 17 सदस्य शामिल होंगे, इस बोर्ड का कार्य किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए उत्साहित करेगा, किसानों को वित्तीय मदद प्रदान करना, इस बोर्ड की निगरानी सीधे मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में की जाएगी, उच्च निकाय के साथ मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, बोर्ड के राज्य परियोजना अधिकारी व अपर मुख्य सचिव का गठन किया गया। इस बोर्ड में किसान कल्याण कार्यकारी समिति को भी शामिल किया जाएगा है।
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फसल विविधीकरण–
धान-गेहूं के अत्यधिक करने से भूमि के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव देखने को मिल रहा है, इसके साथ ही धान-गेहूं की फसलो में लगने वाले जल की मात्रा अधिक होने से भविष्य में जल संकट का सामना करना पड़ सकता है, रासायनिक खादो की अधिकता से मिट्टी की उर्वरा शक्ति छीण होती चली जा रही है, मिट्टी में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीव फसलों के लिए लाभदायक होते हैं।
इन खाधानों को खाकर पशु और मनुष्य कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे हैं, गेहूं-धान की पराली को खेतों में जला कर दिया जाता है जिससे खेतों के साथ-साथ पर्यावरण को भी काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है, इन सभी समस्याओं को मद्दे नजर रखते हुए फसल विविधीकरण अथवा फसल चक्र को अपनाना परम आवश्यक हो गया है, फसल चक्र अपनाने से फसल की उर्वरा शक्ति में काफी सुधार होता है। फास्फोरस-नाइट्रोजन तथा पोटेशियम की मात्रा में बढ़ोतरी पाई जाती है।
फसलों का बदल-बदल कर दिया जाता है जैसे धान-गेहूं के स्थान पर आलू-सरसों, गेहूं-सरसों, मक्का-गेहूं, एवं अरहर-गेहूं को उगाया जाता है। फसल चक्र से किसानों किसान भाइयों को कई प्रकार की फोड़ा का अनाज का अधिक उत्पादन कर सकते हैं इसके साथ छोटे किसान भाइयों को आर्थिक लाभ भी मिलता है।
मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य क्या है?
राज्यों की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए खानदान की पूर्ति के लिए अधिक पैसा कमाने के चक्कर में फसलों में लगने वाले रासायनिक खाद दो का अधिक प्रयोग किया जा रहा है इसके चलते खेतों की उर्वरा शक्ति क्षीण होती चली जा रही है रासायनिक का अधिक प्रयोग होने से पशुओं के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
रासायनिक फर्टिलाइजर के अधिक प्रयोग से खदानों के उत्पादन में बढ़ोतरी तो पाई गई लेकिन खाद्यान्न की गुणवत्ता खराब होती चली गई मिट्टी में उपस्थित सूची मौका लगाता नष्ट होना पर्यावरण नुकसान को देखते हुए मिट्टी के पोषक तत्व का नुकसान होना मिट्टी में उपस्थित पोषक तत्वों का नुकसान होना भूमिका छड होना लवणता का बड़े ना बस जल प्रदूषण होना इत्यादि शामिल है।
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ करने का मुख्य उद्देश्य भूमि में रासायनिक खादों के प्रयोग को कम करना गैर एमएसपी फसलों का अपनाना एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना।
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मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के लाभ-
राज्य सरकार द्वारा राज्य में कृषि के लिए प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने व फसल विविधीकरण को अपनाने व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना। मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना शुभारंभ किया गया इस योजना के निम्नलिखित लाभ है।
01- मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के शुरू होने से रासायनिक खादों पर निर्भरता कम हो गे फसल चक्र के माध्यम से मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहेगी।
02- फसल विविधीकरण से भूमि में सुधार होने के साथ-साथ पर्यावरण में काफी सुधार होने के चांस हैं।
03- भूमि में रासायनिक खादों के प्रयोग से मिट्टी में लवणता की मात्रा में बढ़ोतरी पाई जाती है इससे भूमि के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है मिट्टी में लवणता की मात्रा बढ़ने से अनाजों की शुद्धता पर बुरा प्रभाव पड़ता है यह सेना के माध्यम से मिट्टी की व्यवस्था शक्ति बढ़ेगी एवं लवणता की मात्रा में काफी सुधार किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के माध्यम से फसल चक्र अपनाने से मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों को फास्फोरस-नाइट्रोजन तथा जैविक कीटों को बढ़ावा मिलेगा बहुत कम सिंचाई वाली फसलों को बढ़ावा देना सरकार द्वारा किसान भाइयों को फसलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार ने मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ किया संपूर्ण भारत के खेतों में अधिक रसायनों का उपयोग होने के कारण जन समस्या और पर्यावरण समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
अधिक रसायनों का प्रयोग होने पर खाद्य पदार्थों से मनुष्यों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है प्राकृतिक खेती करने से बीमारियों से छुटकारा दिलाने में सहायता मिलेगी इसे ना से छोटे किसान भाइयों को आने वाले भविष्य में अपने खेतों को सुधार करने व प्राकृतिक खेती करने से आर्थिक सुधार होने की संभावना बढ़ जाती है अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगे रही है तो कृपया आगे पढ़े-
मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना का मूल्यांकन-
मध्य प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना को सफल बनाने के लिए सभी किसान भाइयों को आगे आकर इस योजना के साथ खड़ा होना चाहिए क्योंकि इस योजना का उद्देश्य है कि भविष्य में खेतों को भारी नुकसान से बचाया जा सकता है तथा पर्यावरण संकट व जल संकट से बचा जा सकता है साथ ही किसान भाई भी अपनी प्राकृतिक खेती कर के अच्छे नाम से अपनी आर्थिक समस्याओं से बच सकते हैं।
सामान्यतःपूछे जाने वाले प्रश्न-
Question – फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना क्या है?
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गैर एमएसपी की फसलों को बढ़ावा देना एवं प्राकृतिक खेती कराने के लिए यह
योजना शुरू की गई है, इस योजना से भूमि की गुणवत्ता में काफी सुधार होगा।
Question – फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना का उद्देश्य क्या है?
Answer- प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना एवं फसल चक्र को अपनाना व भूमि की उर्वरता एवं गुणवत्ता को बनाए रखना।
Question – फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी फसलों को प्रोत्साहन दिया गया है?
Answer- फसल चक्र के अनुसार धान एवं गेहूं के स्थान पर गैर एमएसपी फसलों को बढ़ावा दिया गया है।
इन्हें भी देखें-
धन्यवाद!