नमस्कार दोस्तों आज की पोस्ट में हम जानेंगे कि भारत की बैंकों में खाते कितने प्रकार के होते हैं? आप यह भी कह सकते हैं भारत में कितने प्रकार के खाते खोले जा सकते हैं, भारत में आधुनिक बैंकिंग सेवाओं का इतिहास लगभग 200 साल पुराना है, भारत में विभिन्न आय वर्ग के लोगों उनकी जरूरतें हैं,एवं अर्थव्यवस्था की जरूरतों के हिसाब से विभिन्न प्रकार के खातो का विकास हुआ है, जैसे- बचत बैंक खाता, चालू जमा खाता, सावधि जमा खाता, इत्यादि बहुत सारे खाते के बारे में पढेगे।
01 | बचत बैंक खाता (Savings Bank Account) |
02 | चालू जमा खाता (Current Deposit Account) |
03 | सावधि जमा खाता या मियादी जमा खाता (Fixed Deposit Account or Term Deposit Account) |
04 | आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Account) |
05 | बुनियादी बचत खाता (Basic Saving Accounts ) |
Bharat Me Bank Khato Ke Prakar.
01- बचत बैंक खाता (Savings Bank Account)
बचत बैंक खाता आप किसी भी सरकारी अथवा प्राइवेट बैंकों में न्यूनतम जमा राशि करके खुलवाए जा सकता है। यह न्यूनतम जमा राशि सरकारी और प्राइवेट बैंकों में अलग-अलग हो सकती है, कुछ सरकारी बैंकों में भी जमा राशि अलग-अलग होती है, ज्यादातर सरकारी बैंकों में यह राशि ₹500 से लेकर ₹1000 तक हो सकती है, और प्राइवेट बैंकों की बात करें तो वहां ₹1000 से अधिक हो सकती है, इस प्रकार के खातों में आप अपना पैसे किसी भी समय निकाल सकते हैं और जमा कर सकते हैं, खाताधारक बैंक से, एटीएम से, या चेक जमा करके पैसे निकाल सकता है।
अभी लॉकडाउन के समय बैंकों में भीड़ कम करने के लिए काफी बदलाव किए गए थे।
02- चालू जमा खाता (Current Deposit Account)
इस प्रकार के खातों का उपयोग बड़े व्यवसायी, बडी-बडी कंपनियां, संस्थान जैसे- कॉलेज, स्कूल, अस्पताल अपने बैंक खातों के माध्यम से भुगतान करवाना चाहते हैं, क्योंकि बचत खाते के माध्यम से आप अधिक जमा या निकासी नहीं कर सकते, इसलिए ऐसे बड़े खातेदार को Current Account खुलवाना अनिवार्य हो जाता हैं। क्योंकि इस प्रकार के लोगों को दिन में कई बार पैसे की जरुरत पड़ती है, इसलिए येबड़े व्यवसायी, बडी-बडी कंपनियां, संस्थान जैसे- कॉलेज, स्कूल, अस्पताल इस प्रकार के खाते को खुलवाना पसंद करते हैं, Current Account पर बैंक, खाता धारक को उसकी जमा राशि पर ब्याज नही देती है, बल्कि प्रत्येक साल खाता धारक ही बैंक को एक निश्चित राशि का भुगतान बैंक को ही करना पड़ता है, ग्राहकों की सुविधा के लिए बैंक खाता धारकों को उनकी जमा राशि से अधिक की निकासी की सुविधा भी देता है, इसको ओवरड्राफ्ट सुविधा के रूप में जाना जाता है।
03- सावधि जमा खाता या मियादी जमा खाता (Fixed Deposit Account or Term Deposit Account)
जिन लोगों के पास अधिक मात्रा में पैसे होते है, लेकिन वे लोग Share Market के रिस्क को झेलना नही चाहते, और ऐसे लोग लम्बी समय के लिए पैसा बचाना चाहते हैं, तो वे सावधि जमा खाता या मियादी जमा खाता खुलवा लेते हैं, अब आप यह भी सोच रहे होगे कि लोग बचत खाता में भी तो पैसे जमा करा सकते हैं, फिर सावधि जमा खाता क्यों खुलवाते हैं ? इसका कारण यह है कि बचत खाता पर बैंक बहुत ही कम ब्याज देता है, जैसे– 3% से 5% वार्षिक परन्तु सावधि जमा खाता में 8% से 10% का ब्याज मिलता है, सावधि जमा खाता की विशेषता यह होती है कि इसमें धन एक निश्चित समय के लिए जमा हो जाता है, जैसे– 1 साल से लेकर 10 साल तक, यदि कोई खाता धारक किसी खास जरुरत के समय अपने इस सावधि जमा खाता में जमा राशि को निकालना चाहता है, तो बैंक उस पर कुछ पेनाल्टी लगाकर उसका शेष धन वापस कर देता है l
04- आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Account)
इस प्रकार का खाता उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो नियमित रूप से बचत कर सकते हैं और एक निश्चित समय में जमा राशि पर उचित return अर्जित करने की उम्मीद रखते हैं।श, इस प्रकार का खाता खोलते समय एक व्यक्ति को निश्चित अवधि के लिए जैसे– 1 साल या 5 साल तक- महीने में एक बार एक निश्चित राशि जमा करनी पड़ती है, इसमें जमाकर्ता को अवधि पूरी होने के बाद पूरी जमा राशि पर ब्याज सहित मूल राशि लौटा दी जाती है, जमाकर्ता अपने खाते को परिपक्वता से ही पहले बंद कर सकता है, और जिस अवधि तक के लिए धन जमा था, पर ब्याज का भुगतान कर दिया जाता हैl इस प्रकार के खातों में जमा राशि पर ब्याज की दर बचत जमा से अधिक, लेकिन सावधि जमा की दर से कम होती है।
05- बुनियादी बचत खाता (Basic Saving Accounts )
इन खातों को ”No fill account” भी कहा जाता है, इस प्रकार के खातों की शुरुआत में रिज़र्व बैंक ने 2005 में समाज से वंचित और गरीब लोगों को बैंकिंग सुविधा देने के लिए शुरू की थी, इस प्रकार के खातों को बिना रुपये जमा किये (zero balance) खुलवाया जा सकता था, और खाता धारक को न्यूनतम बैलेंस बनाये रखने की बाध्यता से भी छूट दी गयी थी,सन् 2012 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने “No fill account” को बुनियादी बचत खातों (BSBDA-Basic Savings Bank Deposit Account) में बदलने के निर्देश दिए थे, BSBDA दिशानिर्देश “भारत में सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, और जिन विदेशी बैंकों की शाखाएं भारत में हैं सभी पर लागू होते हैं, इन बुनियादी बचत खातों धारकों पर खाता के ना चलाने पर या बैंक किसी भी तरह का शुल्क नही लगा सकती, बुनियादी बचत खाता धारकों को एक माह में अधिकतम चार निकासी की अनुमति दी जाएगी, जिसमें एटीएम के माध्यम से हुई निकासी भी शामिल है।
भारत में बैंकिंग व्यवस्था को बहुत ही व्यवस्थित तरीके से बनाया गया है, ताकि समाज के सभी वर्गों अमीर, गरीब, मध्यवर्ग और संस्थानों आदि के हितों की रक्षा की जा सके।